नई दिल्ली | 4 अगस्त 2025: देशभर में लगातार हो रही बारिश के चलते डेंगू और मलेरिया जैसे जलजनित और मच्छरजनित रोगों के मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अस्पतालों में बुखार, शरीर में दर्द, प्लेटलेट्स की कमी और कमजोरी की शिकायतों के साथ मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को गंभीर मानते हुए सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश जारी किए हैं।
पिछले 15 दिनों में बढ़े मामले
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दिल्ली: 680 नए डेंगू केस
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लखनऊ: 420 केस, 3 गंभीर मरीज़ ICU में
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मुंबई: मलेरिया के 890 नए केस, डेंगू 540
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कोलकाता: बच्चों में डेंगू के मामले बढ़े
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भोपाल: बस्तियों और झुग्गी क्षेत्रों में फैला संक्रमण
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियाँ
निर्देश जारी:
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सभी नगर निगमों को फॉगिंग अभियान तेज करने के निर्देश
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अस्पतालों में डेंगू वार्ड और बुखार क्लिनिक स्थापित
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्लेटलेट जांच और IV सलाइन सुविधा उपलब्ध
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मोबाइल मेडिकल टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में भेजी गईं
अस्पतालों को निर्देश:
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निजी अस्पतालों को डेंगू/मलेरिया के मामलों की रिपोर्टिंग अनिवार्य
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सरकारी अस्पतालों में 24x7 नियंत्रण कक्ष शुरू
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दवाओं की अपर्याप्तता से निपटने के लिए अतिरिक्त स्टॉक
लक्षणों की पहचान जरूरी
डेंगू के सामान्य लक्षण:
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तेज बुखार
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आंखों के पीछे दर्द
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प्लेटलेट्स में गिरावट
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त्वचा पर चकत्ते
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कमजोरी और उल्टी
मलेरिया के लक्षण:
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कंपकंपी के साथ बुखार
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सिरदर्द
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पसीना और थकान
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मांसपेशियों में दर्द
विशेषज्ञों की राय
डॉ. संजीव अग्रवाल, सीनियर फिजिशियन, एम्स दिल्ली:
"डेंगू और मलेरिया से डरने की नहीं, सतर्क रहने की ज़रूरत है। समय पर जांच, हाइड्रेशन और डॉक्टर की सलाह ही सबसे असरदार उपचार है।"
जनता के लिए सलाह
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घर के आस-पास पानी जमा न होने दें
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कूलर, फूलदान, गमलों में पानी न ठहरने दें
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पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें
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मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें
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बुखार होने पर तुरंत जांच कराएं
महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर
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राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम: 1800-111-555
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स्थानीय स्वास्थ्य विभाग: संबंधित जिले की सीएमओ वेबसाइट पर उपलब्ध
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डेंगू सहायता नंबर (दिल्ली): 011-22307145
देश इस समय डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की चपेट में है, जिसका प्रभाव विशेष रूप से शहरी गरीब इलाकों और बच्चों पर अधिक देखा जा रहा है। जागरूकता, सफ़ाई और समय पर इलाज ही इस संकट से बाहर निकलने का रास्ता है।
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